आपके नियम हैं काल्पनिक,
मेरा धर्म यथार्थ है.
मेरे मांगने में सेवा है,
आपके दान में भी स्वार्थ है;
हठ है, रट है.
नाकाफी है, मोहताज है;
आपका धर्म है निर्भरता,
मेरा धर्म आज़ाद है.
आप कुदरत से लड़ रहे,
मुझमें कुदरत साकार है.
आपको मौसम से दिक्कत है,
मुझे मौत भी स्वीकार है.
मैं मुर्गियों के बाड़े में बत्तख हूं.
आप तालाब से डरते हैं,
मुझे सागर पुकारता है.
मेरा धर्म जीवन प्रत्यक्ष,
आपका धर्म उधार का है.
आपको संघर्ष है, कष्ट है,
मुझे सब सीधा स्पष्ट है.
मैं खुद मुलाकात करता हूं,
दलालों से बात नहीं करता.